बृहस्पति ग्रह कुम्भ राशि में वक्री - अनुकूल समय का आनंद लेने का समय

Planet Jupiter Retrograde Aquarius Time Enjoy Favourable Time






20 जून को बृहस्पति ग्रह रात 8:34 बजे कुंभ राशि में गोचर करेगा। नवग्रह में बृहस्पति ग्रह को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। कन्या के विवाह के लिए गुरु ग्रह का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है। इसलिए बृहस्पति ग्रह के शुभ स्थान पर होने पर अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं। 20 जून से 14 सितंबर तक बृहस्पति ग्रह कुम्भ राशि में विपरीत दिशा में गोचर करेगा जिसके बाद गुरु पथ बन कर मकर राशि में प्रवेश करेगा।

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आइए जानते हैं कुम्भ राशि में वक्री बृहस्पति का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होता है।

१) मेष- इस समय धन को सोच-समझकर खर्च करें। मेहनत करने से ही सफलता मिलेगी, इसलिए कोई भी नया काम शुरू न करें। परिवार में कलह का माहौल रहेगा इसलिए वाद-विवाद से दूर रहें और परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं। इस दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

२) वृष- बृहस्पति आपके दसवें भाव में विराजमान होगा। बृहस्पति की यह स्थिति आपके व्यवसाय के लिए लाभकारी होगी और धन प्राप्ति के लिए उत्तम समय होगा। साथ ही परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा। तो कुल मिलाकर बृहस्पति की यह स्थिति आपके लिए लाभकारी है।



3) मिथुन - बृहस्पति आपके नवम भाव में विराजमान होगा। बृहस्पति की यह स्थिति आपको सामान्य फल देगी। अधिक धन खर्च करने से बचें और व्यापार में धैर्य से काम लें। शिक्षा से जुड़े लोगों को कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिलेगी। साथ ही पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आएगी।

4) कर्क - गुरु आपके आठवें भाव में विराजमान होगा। बृहस्पति की यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए यह समय सामान्य रहेगा, कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें। पति-पत्नी के बीच अनबन हो सकती है।

5) सिंह - बृहस्पति आपके सातवें भाव में विराजमान होगा; गुरु की यह स्थिति लाभकारी नहीं रहेगी। संबोधित समस्याओं का सामना करते हुए धन पढ़ेगा, इस समय किसी को उधार न दें। किसी पर भरोसा नहीं करना। नहीं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। पति-पत्नी के बीच विवाद हो सकता है।

6.) कन्या - बृहस्पति छठे भाव में विराजमान होगा। बृहस्पति का यह गोचर आपके द्वारा की गई सारी मेहनत के लिए सफलता प्रदान करेगा। आपको अच्छे परिणाम तभी मिलेंगे जब आप कड़ी मेहनत करेंगे। आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार के साथ संबंध अच्छे रहेंगे, इससे आप ऊर्जावान महसूस करेंगे।

7.) पौंड - गुरु आपके पंचम भाव में विराजमान होगा। इस अवधि में सोच समझकर धन खर्च करें। बेवजह के खर्चे उह को तनावग्रस्त महसूस करा सकते हैं। पति-पत्नी के संबंध अच्छे रहेंगे। जो लोग प्रेम संबंध में हैं यह समय उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा।

8.) वृश्चिक- बृहस्पति आपके चतुर्थ भाव में विराजमान होगा। इस अवधि में आप आध्यात्मिक महसूस करेंगे और धार्मिक कार्यों में रुचि लेंगे। अपने काम के सिलसिले में सोच-समझकर निर्णय लें अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। नकारात्मक बातचीत से दूर रहने की कोशिश करें। धन निवेश के लिए यह अवधि अच्छी है; अगर आप इसे समझदारी से करेंगे, तो आप सफल होंगे।

9.) धनु- बृहस्पति आपके तीसरे भाव में विराजमान होगा; इस अवधि में आप ऊर्जावान महसूस करेंगे और आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपको काम में सफलता दिलाएगी। पार्टनर के साथ सतर्क रहें, नकारात्मक बातचीत से दूर रहें। आपकी विलासिता में वृद्धि होगी, और आपको नाम और प्रसिद्धि मिल सकती है।

10.) मकर- बृहस्पति आपके दूसरे भाव में विराजमान होगा। अनावश्यक खर्चों से दूर रहने के लिए धन खर्च करने के लिए यह अवधि ठीक नहीं है। इस अवधि में नियमितता रखें, शत्रुओं से दूर रहें। वाहन चलाते/सवारी करते समय सावधान रहें, दुर्घटना हो सकती है।

11.) कुंभ- बृहस्पति आपके प्रथम भाव में विराजमान होगा, किसी पर विश्वास न करें। इस दौरान लोग आपको धोखा दे सकते हैं। गलत या कड़वी बातें बोलते समय सतर्क रहें। आपका गलत व्यवहार किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध समाप्त कर सकता है।

12.) मीन- गुरु आपके बारहवें भाव में विराजमान होगा। जो लोग कार्य संबंधी शोध कर रहे हैं उनके लिए यह समय अनुकूल है। किसी को उधार न दें; नहीं तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अपने सभी काम धैर्यपूर्वक करें और धन निवेश से दूर रहें।

एस्ट्रो पुजेल।

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